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बावरा मन -वीरुभाई

बावरा मन -वीरुभाई  (१ )कौन है वह -    साधना ,आराधना ,    प्रीत की संकल्पना सा -    बावरा मन ?   कौन है वह कौन है कौन है ? (२ ) कौन है वह देह से पर -       आत्मा के गीत सा ,       भोर के संगीत सा        बिरहा मन की पीर सा        कौन है वह ? कौन है ?
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एलोपैथी और आयुर्वेद की फ़ालतू तकरार (क्षमा शर्मा ,पंजाब केसरी एक जून २०२१ अंक )के संदर्भ में मुझे एक बहुत पुराना किस्सा याद आ रहा है जिसपर एक वृत्तचित्र भी बना था -'दी अदर साइड आफ दी कोइन "

एलोपैथी और आयुर्वेद की फ़ालतू तकरार (क्षमा शर्मा ,पंजाब केसरी एक जून २०२१ अंक )के संदर्भ में मुझे एक बहुत पुराना किस्सा याद आ रहा है जिसपर एक वृत्तचित्र भी बना था -'दी अदर साइड आफ दी कोइन "  फिल्म उस व्यक्ति की पत्नी ने बनाई थी जो मशहूर सिगरेट निर्माता कम्पनी 'केमिल 'के विज्ञापन में काम करते करते सिगरेट की भेंट चढ़ गया। उसे फेफड़ा कैंसर हुआ और बचाया न जा सका। जबकि युवा रहते वह इम्पाला कार में चलता है जब कार रूकती है उस के सभी दरवाज़ों पर परम सुंदरियां उसका बोसा लेने को बेताब दिखती हैं ,विज्ञापन कहता है केमिल पीने वालों की बात ही और है उसे  तसल्ली से सिगरेट नोशी करते देखा जाता है। उसी तम्बाकू निगम में कार्यरत  शोधार्थियों ने तब वह कार्सिनोजन्स (कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की भी शिनाख्त कर ली थी और इन तत्वों को सिगरेट से निकालने की पेशकश भी की। कम्पनी को ना तैयार होना था न वह हुई। हीरो केमिल का मारा गया। ).वृत्त चित्त इसी सत्य को उद्घाटित करता है।  क्षमा शर्मा अपने आलेख में ऐसी ही  दो महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख करतीं हैं। जिनका हम आगे ज़िक्र करेंगें पहले कुछ और सूचनाएं ले ले

#HindiCheeniByeBye #हिंदी चीनी बॉय बॉय

#HindiCheeniByeBye #हिंदी चीनी बॉय बॉय गत अमरीकी प्रवास के दौरान मैं ने  सीवीएस फार्मेसी  ,कैन्टन(यूएसए ) से एक पांच डॉलर का बड़ा नेल -कटर लिया था पैरों की उँगलियों के नाखून काटने के लिए। बचपन से कोरियाई नेलकटर ही इस्तेमाल  करते आये थे हिन्दुस्तान में वही मिलता था। ये ऐसा नख-कतरक साबित हुआ जो नख-करतन के दरमियान ही दो भांगों में टूट गया। किसी सामान की कोई गारंटी नहीं ,बिका हुआ माल  वापस नहीं होगा ,आज नकद कल  उधार दुकानों पे लिखा  देखते -देखते हम बालक से बालिग़ और फिर बुजुर्ग कब हो गए कुछ  पता ही न चला। आज भी कई दुकानों पे ये इबारत मुंह चढ़ के बोलतीं हैं। किसी सामान की कोई गारंटी नहीं। सस्ता और उठाऊ या भरोसे मंद और टिकाऊ फैसला आप को और मुझे करना है। यकीन मानिये ये चेतावनी ,साफगोई चीनी सामन पे शत -प्रतिशत लागू होती है। उधर अमरीका में रवायत है आप कोई भी सामान ९० दिन के अंदर वापस कर सकतें हैं पूरे पैसे लौटाए जाएंगे। अब फैसला हमें करना है कोरोना बम के अनुसंधान करता चीन और इसके सामान  से हमारा इतना लगाव है हम इसके बिना रह नहीं सकते ?या फिर ऐसा कुछ भी नहीं है। हम इसे अब और अभी तिलांजली

एहरावत और ड्रेगन मल्ल युद्ध से पहले और आज

बाई !बाई! चीन ,अलविदा चीन। हम भारत धर्मी समाज प्राण प्रण से सरयू तीरे तुम्हारा तरपण करते हैं। अपने घटिया सस्ते सामान को लेकर अपने पास ही बैठो शी जिन पिंग। कब्र में रखवाना इस साज़ो सामान को  अपनी । १९६२ वाला भारत 'सॉफ्ट स्टेट' अब जाग गया है। तुम अपना विकास करो इधर आँखें मत उठाना। लाइन आफ एक्चुअ कंट्रोल के इधर झांकना मना है। अपना हाथी दांत का सपना लेकर अपने पास ही बैठो , दलदल में जो फंसा हुआ था ,अब वह हाथी निकल चुका है। अरे दधीचि झूठा होगा जिसने कर दीं दान अस्थियां , जबसे तुमने वज्र सम्भाला ,मरने वाला सम्भल गया है। हमारा  वृहत्तर भारत धर्मी समाज शान्ति प्रिय है लेकिन शांति बल-शाली का विन्यास होता है ,तुम्हारे जैसे  धौंधू का नहीं। शुभंकर हाथी इसी का प्रतीक है जो किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं करता लेकिन छेड़े जाने पर पटक पटक कर मारडालता है अपनी बलशाली सूंढ़ से जो हनुमान की पूँछ से कम नहीं होती। ड्रेगन आग खाता है अंगारे हगता है। लपटें छोड़ता है सांस की हर धौंकनी के साथ। सौर ज्वालाओं सी लपटें एक दिन उसी का ख़ात्मा कर देती हैं। हरे कृष्णा ! भगवान् अल्लाह ताला ,यहोवा आपको सद्बुद्धि दे आ