Skip to main content

डिजिटल मीडिया ने और कुछ किया हो या नहीं लेखकीय संभावनाओं को बढ़ा दिया है और मज़ेदार बात ये है बिना स्याही दवात कलम के लिखा जा रहा है। कागद कारे नहीं करने पड़ते

डिजिटल मीडिया ने और कुछ किया हो या नहीं लेखकीय संभावनाओं को बढ़ा दिया है और मज़ेदार बात ये है बिना  स्याही दवात कलम के लिखा जा रहा है। कागद कारे नहीं करने पड़ते। 

बस इतना भर हुआ है, अब नौनिहालों का पालक ये डिजिटल -जगत बन गया है। वास्तविक 'आभासी' और 'आभासी' वास्तविक हो गया है।रोल बदले हैं जीवन के आयाम वही हैं। 

जैसे आस्तिक नास्तिक और नास्तिक आस्तिक हो जाए। 

 सचमुच दूर के ढ़ोल सुहावने होते हैं। भूले बिसरे गीतों की तरह गुज़िस्तान दिनों के लोग फेसबुक पर मिल रहें हैं वे जो याद के पटल से बाहर ही रहे आये थे बरसों बरस। 

अतीत की यादों को ताज़ा कर रहा है आभासी जगत। और नौनिहालों की स्किल को पैना भी बना रहा है। सब कुछ  सिखा  रहा है आभासी जगत। 


 आप मृत्यु के नजदीक पहुँच चुके अपनों को हिन्दुस्तान या अन्यत्र रहते न देख सकें लेकिन वाट्सअप आपको दिखला देगा। आपके अपने वेंटिलेटर पर हैं हज़ारों हज़ार मील दूर आपसे फिर भी इतना करीब। 

ऑरकुट चुका नहीं हैं रूप बदल के आता  रहता है। 

कहते थे मौखिक संचार संचार का तीव्रतम ज़रिया है आज सोशल मीडिया आपकी रेकी करता है। आपके  किस्से, आप किस-किससे मिलते हैं उछालता है। 

पाकिस्तान की किसी अदाकारा को आप दिल दे सकते हैं। अपनी को एल्प्रेक्स देकर सुला सकते हैं।  

आपका मामूली प्रेम आलमी हो गया है आलमी बोले तो वैश्विक भूमंडलीय ग्लोबल। 

 पत्रमित्र फेसबुकिया मित्र बन बैठा है। इसे आप रु -ब -रु  देख भी सकते हैं बतिया भी सकते हैं आप मुख -चिठिया ,मुख -पुस्तकिया मित्र से ।

(ज़ारी ) 

Comments

Popular posts from this blog

बावरा मन -वीरुभाई

बावरा मन -वीरुभाई  (१ )कौन है वह -    साधना ,आराधना ,    प्रीत की संकल्पना सा -    बावरा मन ?   कौन है वह कौन है कौन है ? (२ ) कौन है वह देह से पर -       आत्मा के गीत सा ,       भोर के संगीत सा        बिरहा मन की पीर सा        कौन है वह ? कौन है ?

#HindiCheeniByeBye #हिंदी चीनी बॉय बॉय

#HindiCheeniByeBye #हिंदी चीनी बॉय बॉय गत अमरीकी प्रवास के दौरान मैं ने  सीवीएस फार्मेसी  ,कैन्टन(यूएसए ) से एक पांच डॉलर का बड़ा नेल -कटर लिया था पैरों की उँगलियों के नाखून काटने के लिए। बचपन से कोरियाई नेलकटर ही इस्तेमाल  करते आये थे हिन्दुस्तान में वही मिलता था। ये ऐसा नख-कतरक साबित हुआ जो नख-करतन के दरमियान ही दो भांगों में टूट गया। किसी सामान की कोई गारंटी नहीं ,बिका हुआ माल  वापस नहीं होगा ,आज नकद कल  उधार दुकानों पे लिखा  देखते -देखते हम बालक से बालिग़ और फिर बुजुर्ग कब हो गए कुछ  पता ही न चला। आज भी कई दुकानों पे ये इबारत मुंह चढ़ के बोलतीं हैं। किसी सामान की कोई गारंटी नहीं। सस्ता और उठाऊ या भरोसे मंद और टिकाऊ फैसला आप को और मुझे करना है। यकीन मानिये ये चेतावनी ,साफगोई चीनी सामन पे शत -प्रतिशत लागू होती है। उधर अमरीका में रवायत है आप कोई भी सामान ९० दिन के अंदर वापस कर सकतें हैं पूरे पैसे लौटाए जाएंगे। अब फैसला हमें करना है कोरोना बम के अनुसंधान करता चीन और इसके सामान  से हमारा इतना लगाव है हम इसके बिना रह नहीं सकते ?या ...

एहरावत और ड्रेगन मल्ल युद्ध से पहले और आज

बाई !बाई! चीन ,अलविदा चीन। हम भारत धर्मी समाज प्राण प्रण से सरयू तीरे तुम्हारा तरपण करते हैं। अपने घटिया सस्ते सामान को लेकर अपने पास ही बैठो शी जिन पिंग। कब्र में रखवाना इस साज़ो सामान को  अपनी । १९६२ वाला भारत 'सॉफ्ट स्टेट' अब जाग गया है। तुम अपना विकास करो इधर आँखें मत उठाना। लाइन आफ एक्चुअ कंट्रोल के इधर झांकना मना है। अपना हाथी दांत का सपना लेकर अपने पास ही बैठो , दलदल में जो फंसा हुआ था ,अब वह हाथी निकल चुका है। अरे दधीचि झूठा होगा जिसने कर दीं दान अस्थियां , जबसे तुमने वज्र सम्भाला ,मरने वाला सम्भल गया है। हमारा  वृहत्तर भारत धर्मी समाज शान्ति प्रिय है लेकिन शांति बल-शाली का विन्यास होता है ,तुम्हारे जैसे  धौंधू का नहीं। शुभंकर हाथी इसी का प्रतीक है जो किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं करता लेकिन छेड़े जाने पर पटक पटक कर मारडालता है अपनी बलशाली सूंढ़ से जो हनुमान की पूँछ से कम नहीं होती। ड्रेगन आग खाता है अंगारे हगता है। लपटें छोड़ता है सांस की हर धौंकनी के साथ। सौर ज्वालाओं सी लपटें एक दिन उसी का ख़ात्मा कर देती हैं। हरे कृष्णा ! भगवान् अल्लाह ताला ,यहोवा आपको सद्...