Skip to main content

एहरावत और ड्रेगन मल्ल युद्ध से पहले और आज

बाई !बाई! चीन ,अलविदा चीन। हम भारत धर्मी समाज प्राण प्रण से सरयू तीरे तुम्हारा तरपण करते हैं। अपने घटिया सस्ते सामान को लेकर अपने पास ही बैठो शी जिन पिंग। कब्र में रखवाना इस साज़ो सामान को  अपनी । १९६२ वाला भारत 'सॉफ्ट स्टेट' अब जाग गया है। तुम अपना विकास करो इधर आँखें मत उठाना। लाइन आफ एक्चुअ कंट्रोल के इधर झांकना मना है।

अपना हाथी दांत का सपना लेकर अपने पास ही बैठो ,
दलदल में जो फंसा हुआ था ,अब वह हाथी निकल चुका है।
अरे दधीचि झूठा होगा जिसने कर दीं दान अस्थियां ,
जबसे तुमने वज्र सम्भाला ,मरने वाला सम्भल गया है।

हमारा  वृहत्तर भारत धर्मी समाज शान्ति प्रिय है लेकिन शांति बल-शाली का विन्यास होता है ,तुम्हारे जैसे  धौंधू का नहीं। शुभंकर हाथी इसी का प्रतीक है जो किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं करता लेकिन छेड़े जाने पर पटक पटक कर मारडालता है अपनी बलशाली सूंढ़ से जो हनुमान की पूँछ से कम नहीं होती।
ड्रेगन आग खाता है अंगारे हगता है। लपटें छोड़ता है सांस की हर धौंकनी के साथ। सौर ज्वालाओं सी लपटें एक दिन उसी का ख़ात्मा कर देती हैं।
हरे कृष्णा ! भगवान् अल्लाह ताला ,यहोवा आपको सद्बुद्धि दे आपकी आत्मा को शांति पहुंचाए।
याद रहे कर्नल संतोष की शहादत गेमचेंजर साबित होगी। हमारा हर जवान स्वेच्छा से है फौज में तुम्हारी तरह घसीट कर नहीं लाया गया है  धौंधू तानाशाही के तहत। एक एक दस दस पे भारी है। और हमारे लड़ाके हवा बाज़ जाने दो उनका शौर्य अब मैदान में देखना कैसे तुम्हारे धुर्रे उड़ाते हैं।
हरे कृष्णा !

शीर्षक :एहरावत और ड्रेगन मल्ल युद्ध से पहले और आज

Search Results


Image result for dragon images
Image result for dragon images
Image result for dragon images
Image result for dragon images
Image result for dragon images
Image result for dragon images
Image result for dragon images
Image result for dragon images


Comments

Popular posts from this blog

मोकू कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में

मोकू  कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में                           (१ ) न तीरथ में न मूरत में न एकांत निवास में , न मन्दिर में न मस्जिद में ,न काबे कैलास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                            (२ ) न मैं जप में न मैं तप में ,न मैं बरत उपास में , न मैं किरिया  -करम में रहता ,न मैं जोग संन्यास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                           (३ ) न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में , न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में।  न मैं परबत के गुफा में ,न ही साँसों के सांस में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                          (४ )  खोजो तो तुरत मिल जावूँ ...

बावरा मन -वीरुभाई

बावरा मन -वीरुभाई  (१ )कौन है वह -    साधना ,आराधना ,    प्रीत की संकल्पना सा -    बावरा मन ?   कौन है वह कौन है कौन है ? (२ ) कौन है वह देह से पर -       आत्मा के गीत सा ,       भोर के संगीत सा        बिरहा मन की पीर सा        कौन है वह ? कौन है ?

देखते हैं एक छद्म शिव भक्त राम मंदिर मामले पर क्या स्टेण्ड लेता है ?

फोटो : Getty Images राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकारअध्यादेश लाकर कानून बनाने की प्रक्रिया में तेज़ी लाए। दिल्ली में साधू-संतों की दो दिन की बैठक में मोदी सरकार को यह धर्मादेश दिया गया। बदले में साधू-संत 2019के चुनावों में मोदी शासन की नैया पार लगाने में जी-जान से जुटेंगे।  इस देश की प्राचीन परम्परा रही है बड़े से बड़े राजा चक्रवर्ती सम्राट भी संतों की सुनते थे मानते थे। स्वयंभगवान राम गुरु वशिष्ठ से आज्ञा लेकर ही धनुष बाण को हाथ लगाते हैं। अब देश में चर्चिया चाची का रिमोट नहीं है जिसने आते ही पहला काम जयेन्द्र सरस्वती पर फ़र्ज़ी मामला बनाने का किया। अध्यात्म की सर्वोच्च सत्ता को अपमानित किया।संत राम देव पर जान लेवा हमला  करवाया। साध्वी प्रज्ञा को हिंदू आतंकवाद का सबूत जुटाने के लिए हद दर्ज़े का थर्ड डिग्री उन पर आज़माया। भारतीय परम्परा को धता बताकर साध्वी को पुरुष अफसरों से पशुओं की तरह पिटवाया गया। वह अपने आत्म बल से ही बचीं। ब्रह्मज्ञानी का संसारी दुष्कर्मी वैसे भी क्या बिगाड़ सकते हैं शरीर तो बाहरी आवरण है। ब्रह्म ग्यानी  ब्रह्म को जान लेता है वह फि...